It is time to question ourselves and ask where we are headed and why we are losing our core values.
नारी का सम्मान करो
ऐ मेरे वतन के लोगो
भारत को क्यों शर्मसार किया
भारत की नारी से दुर्व्यवहार कर
उसका क्यों अपमान किया ?
उठो, जागो और सोचो फिर से
कैसे बदचलनी का निर्माण हुआ
माँ-बहनों का आदर छोड़ कर
उनसे कैसे दुष्ट-व्यवहार हुआ ?
‘मातृत्व-रूप’ पहचानो उनमें
आदर से प्रणाम करो
नारी तो जग की जननी है
हृदय से सम्मान करो ।
हमने तो ‘नारीत्व’ में जीवन दायनी
रूप को खोजा है
देवत्व में – सरस्वती, लक्ष्मी, और
दुर्गा रूपों को पूजा है
नदियों, पौधों, पशुओं तक में
उसके रूप को संवारा है
गंगा माता, तुलसी माता, गऊ माता
से उन्हें पुकारा है ।
नारी के शोभित रूप को देखो
दूषित मन का त्याग करो
अगर मानव कहलाना है तो
नारी का सम्मान करो ।
अशिक्षा, अज्ञान, मदिरा, व्यभिचार से पूरित
राक्षसी वृति का संहार करो
अच्छे संस्कारों को उपजित कर
नारी का उद्धार करो ।
नारी का आदर करना सीखो
मातृत्व को प्रणाम करो
अगर देश को बचाना है तो
नारी का सम्मान करो ।